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लेखनी कहानी -02-Mar-2023 नामुमकिन

आज सुबह सुबह पार्क में छमिया भाभी से फिर से मुलाकात हो गई । छमिया भाभी के दर्शन हो जाने से हमारी ही नहीं पार्क में घूमने वाले सभी लोगों के चेहरों की रौनक बढ़ जाती है । दिल बल्लियों उछलने लगता है और अरमानों को एक बार फिर से पंख लग जाते हैं । छमिया भाभी से छूकर वायु भी सुगंधित हो जाती है , किरण भी और चमकीली हो जाती है तथा मौसम भी मदमस्त हो जाता है । और मदमस्त मौसम का ही परिणाम है कि पुरुषों के कदम बहकने लगते हैं । हमारे मौहल्ले वाले कहते हैं कि छमिया भाभी नामुमकिन को भी मुमकिन बना देती हैं । हमने यह बात छमिया भाभी से पूछ ही ली "नमस्कार भाभी जी, एक बात बताइये कि आप नामुमकिन को भी मुमकिन कैसे बना देती हैं" ? 

मेरे इस प्रश्न पर छमिया भाभी ने कातिल निगाहों से मुझे देखा और एक मनमोहक मुस्कान बिखेरते हुए बड़ी अदा के साथ कहने लगीं 
"ये आपकी गलतफहमी है भाईसाहब कि केवल मैं ही नामुमकिन को मुमकिन बना सकती हूं । हर महिला यह काम बखूबी कर सकती है और करती ही है । आप पुरुष लोग महिलाओं को कमतर आंकने की गलती करते हो इसलिए आपको ऐसा लगता है" । 
मैंने कहा "आप सही कहती हैं भाभी कि महिला में वो अनंत शक्ति है जिससे वह सब कुछ हासिल कर लेती है । पति को ठोक पीटकर अपने वश में कर लेती है । रेशमी बालों का जाल बिछाकर कातिल अदाओं का खंजर चलाकर मोहिनी मुस्कान बिखराकर बड़े से बड़े संत की भी तपस्या भंग कर सकती हैं । आज सभी क्षेत्रों में महिलाऐं आगे निकल रही हैं जो उनकी जिजीविषा और ऊर्जा को रेखांकित करती हैं । मगर ऐसी बहुत सी बातें हैं , काम हैं जो महिलाओं से संभव नहीं है । यों भी कह सकते हैं कि कुछ काम महिलाओं के लिए भी नामुमकिन से लगते हैं" । 

छमिया भाभी को छेड़ने में हमें बड़ा आनंद आता है । छमिया भाभी घोर "नारीवादी" हैं । इसलिए मैंने जानबूझकर यह सुर्रा छोड़ा था । मुझे पता है कि जैसे ही महिलाओं के बारे में वे ऐसी बात सुनेंगी तो उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच जायेगा । मेरी नारी विरोधी बातें सुनकर उनका पारा चढ गया और चेहरा तमतमा गया । एक तो सुंदर चेहरा और उस पर गुस्से से लाली का आना ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने ताजा मक्खन में हल्का सा सिंदूर घोल दिया हो । उनके इस रूप को देखकर हम अंदर ही अंदर प्रफुल्लित हो रहे थे । एक औरत किसी मर्द को आनंदित देखकर मन ही मन जल भुन जाती है इसलिए वे तपाक से बोलीं 
"क्या बात करते हैं भाईसाहब, ऐसा कौन सा काम है जो नामुमकिन है ? हां, पुरुषों के लिए नामुमकिन होगा मगर औरतों के लिए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है" । 

तीर सीधा निशाने पर लगा था । छमिया भाभी महिलाओं के विरुद्ध कुछ भी नहीं सुन सकती हैं । उनके नथुने फूल गये थे जो थोड़े बड़े हो गये थे जो उनकी सुंदरता को और बढ़ा रहे थे । उन्हें चिढ़ाते हुए कहने लगा 
"क्या एक स्त्री दूसरी स्त्री की प्रशंसा कर सकती है ? क्या आप किसी स्त्री से उसकी आयु पूछने की हिम्मत कर सकती हैं ? किसी शादी पार्टी में जाती महिला को कड़कड़ाती ठंड में भी क्या आप एक स्वेटर पहना सकती हैं ? क्या किसी स्त्री को केवल दो घंटे चुप रख सकती हैं" ? 

मेरे प्रश्न सुनकर छमिया भाभी सकपका गईं और इधर उधर देखने लगीं । उनके इस तरह कतरा जाने से मुझे बड़ा अच्छा लगा । पर छमिया भाभी ऐसे कैसे हार मान सकती हैं ? कोई स्त्री किसी मर्द से हार मान सकती है क्या ? ये तो नामुमकिन की श्रेणी में आता है इसलिए वे तपाक से बोलीं 
"आप पुरुष लोग औरतों को आगे नहीं बढने देना चाहते हैं इसलिए औरतों के बारे में ऐसे ऐसे जुमले गढते हैं जिससे औरतों की प्रतिष्ठा को आघात लगे और आप लोग अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं । औरतों को अपने वश में करने का यह एक बहुत सरल उपाय है" । अब उनकी आंखों में तेज आ गया था । 
"चिकनी सूरत वाले बातें बनाने में भी कितने चिकने होते हैं , ये तो दिख रहा है पर आपकी यह युक्ति कारगर साबित नहीं होगी क्योंकि महिलाओं को कुछ भी समझाना उसी तरह है जैसे कि कुत्ते की दुम को सीधा करना है । कुछ काम नामुमकिन थे, हैं और नामुमकिन ही रहेंगे जैसे बालू में से तेल निकालना , सांड से दूध निकालना , मुर्गे से अंडे देने की उम्मीद करना , बिल्ली के द्वारा व्रत करना , गधे का घोड़ा बनना । और सबसे बड़ी बात , आज तक ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ जो कह सके कि उसने अपनी पत्नी को संतुष्ट कर दिया है । पत्नी कभी न संतुष्ट होने वाली प्रजाति है । उसे खुश करना नामुमकिन है । आज तक मैंने एक भी ऐसी पत्नी नहीं देखी जो अपने पति की प्रशंसा करती हो । पत्नी के मुंह से प्रशंसा पाना बालू से तेल निकालने जैसा है । अब बताओ , है ना कुछ काम नामुमकिन" ? हमारे अधरों पर विजयी मुस्कान थी । 

पर छमिया भाभी ऐसे कैसे हार मान लेती । आजकल राजनीतिक दलों ने "ई वी एम में हेराफेरी" का राग सुनाकर सबको एक अस्त्र दे दिया है सब कुछ नकारने का । उसी तरह भाभी भी यह कहकर चलती बनीं कि आप पुरुष लोग बाहु बल से हम औरतों को दबा लेते हो क्योंकि बुद्धि और आचरण से तो हमसे जीतना नामुमकिन है । 

श्री हरि 
2.3.23 


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6 Comments

Renu

03-Mar-2023 10:02 PM

👍👍🌺

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Hari Shanker Goyal "Hari"

04-Mar-2023 09:39 AM

💐💐🙏

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Haaya meer

03-Mar-2023 07:53 PM

Nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

03-Mar-2023 09:20 PM

💐💐🙏🙏

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बहुत खूब

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Hari Shanker Goyal "Hari"

03-Mar-2023 09:20 PM

💐💐🙏🙏

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